A Secret Weapon For Shodashi
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Local community feasts Engage in a big purpose in these situations, where by devotees arrive collectively to share meals That always include traditional dishes. These meals rejoice each the spiritual and cultural components of the Competition, maximizing communal harmony.
This classification highlights her benevolent and nurturing elements, contrasting While using the fierce and gentle-fierce natured goddesses in the group.
Every single fight that Tripura Sundari fought is usually a testomony to her could possibly plus the protecting character from the divine feminine. Her legends continue on to inspire devotion and therefore are integral to your cultural and spiritual tapestry of Hinduism.
॥ अथ त्रिपुरसुन्दर्याद्वादशश्लोकीस्तुतिः ॥
ह्रीं ह स क ल ह्रीं ह स क ह ल ह्रीं स क ल ह्रीं
The Saptamatrika worship is particularly emphasised for all those trying to find powers of Manage and rule, and also for those aspiring to spiritual liberation.
यह शक्ति वास्तव में त्रिशक्ति स्वरूपा है। षोडशी त्रिपुर सुन्दरी साधना कितनी महान साधना है। इसके बारे में ‘वामकेश्वर तंत्र’ में लिखा है जो व्यक्ति यह साधना जिस मनोभाव से करता है, उसका वह मनोभाव पूर्ण होता है। काम की इच्छा रखने वाला व्यक्ति पूर्ण शक्ति प्राप्त करता है, धन की इच्छा रखने वाला पूर्ण धन प्राप्त करता है, विद्या की इच्छा रखने वाला विद्या प्राप्त करता है, यश की इच्छा रखने वाला यश प्राप्त करता है, पुत्र की इच्छा रखने वाला पुत्र प्राप्त करता है, कन्या श्रेष्ठ पति को प्राप्त करती है, इसकी साधना से मूर्ख भी ज्ञान प्राप्त करता है, हीन भी गति प्राप्त करता है।
Worshipping Goddess Shodashi is not simply about seeking material Gains but also with regard to the internal transformation and realization on the self.
भगवान् शिव ने कहा — ‘कार्तिकेय। तुमने एक अत्यन्त रहस्य का प्रश्न पूछा है और मैं प्रेम वश तुम्हें यह अवश्य ही बताऊंगा। जो सत् रज एवं तम, भूत-प्रेत, मनुष्य, प्राणी हैं, वे सब इस प्रकृति से उत्पन्न हुए हैं। वही पराशक्ति “महात्रिपुर सुन्दरी” है, वही सारे चराचर संसार को उत्पन्न करती है, पालती है और नाश करती है, वही शक्ति इच्छा ज्ञान, क्रिया शक्ति और ब्रह्मा, विष्णु, शिव रूप वाली है, वही त्रिशक्ति के रूप में सृष्टि, स्थिति और विनाशिनी है, ब्रह्मा रूप में वह इस चराचर जगत की सृष्टि करती है।
वृत्तत्रयं च धरणी सदनत्रयं च श्री चक्रमेत दुदितं पर देवताया: ।।
श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥५॥
Disregarding all warning, she went on the ceremony and located her father experienced began the ceremony devoid of her.
Celebrations like Lalita Jayanti emphasize her importance, exactly where rituals and offerings are made in her honor. The goddess's click here grace is thought to cleanse previous sins and direct just one in direction of the final word objective of Moksha.
यहां पढ़ें त्रिपुरसुन्दरी हृदय स्तोत्र संस्कृत में – tripura sundari hriday stotram